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कुछ अजीब सा जरूर लगेगा किन्तु सही यही है. वाकई उत्तर प्रदेश की सरकार लगातार लोगो को सड़क पर मरवा रही है. इस देश में मैंने पहले भी कहा है उन्ही की चलती है जो किसी प्रकार से जोरदार है. जो कोई भी नियम विरुद्ध कार्य कर सकते है और अनाप-सनाप कमा सकता है. देश भी उन्ही लोगो के लिए शायद चल रहा है. सरकार के मंत्री के सह पर इतना अच्छा नेटवर्क इस देश में चल रहा है, जगह जगह पर दबो से इंट्री ले और पूरे सूबे के परिवहन अधिकारियो, कर्मचारियों व इन्स्पेक्टारो को उनका हिस्सा अदा करे, फिर आप जितना चाहे इन मोटर गाडियों में लादे, ओवर लोड होने का कारन बरके आदि नहीं लगते, प्रदूषण दस गुना बढ़ जाता है.
इस भारत देश के कानपुर जिले में घाटमपुर तहसील है. यहाँ से कानपुर से सागर राजमार्ग और दिल्ली से कोलकत्ता (मुग़ल रोड) आपस में मिलते है अर्थात हम कह सकते है दोनों हियिवे घाटमपुर में ही एक दूसरे को मिलकर चौराहा बनाते है. इंजन के साथ टायर से गर्मी इतनी ज्यादा निकलती है पूरी सड़क ही नहीं आस-पास का वातावरण गर्म हो जाता है. इस गर्मी का कारन ही पर्यावरण बहुत ही बिगड़ रहा है. ओवर लोड ट्रक इतना सब करने के साथ-साथ इतनी संख्या में लोग ट्रक दुर्घटना से मर रहे जितने किसी बीमारी से भी नहीं मरते है, फिर भी सरकार अंधी है. बताते है यह पैसा सभी को बटता है. मरने वाले मर रहे है और लोग उनकी मौत का मज़ा ले रहे है.
इस ट्रक दुर्घटना में कभी भी ट्रक मालिक नहीं मरता मरते है तो निर्दोस जो सायकिल या मोटरसायकिल से चल रहे होते है. आज फिर घटना छपी तो छोभ हुआ और इस भ्रसटाचार के खेल के कारन जा रही जाने भी राज्य सरकार का ध्यान खीचने में बेबस है. सड़के ख़राब हो चुकी है और उनका नामोनिसन मिट चूका है फिर भी लोग है तो ओवरलोडिंग से मन नहीं रहे, यह देश बेबस है, हम बेबस है और मरने वालो की आत्मा भी बेबस है. यहाँ एक बहुत ही अच्छा यस.दी.यम तैनात है उसने साशन तक पत्र लिखे किन्तु साशन के लोग आकंठ तक भ्रष्टाचार में डूबे होने के करें उनकी आँखों का पानी मर गया और वह अधिकारी बेबस हो गया.
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