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खिलने दो न.

BEBASI
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खुशियों की बगिया में
उसको भी खिलने दो न,
ये भी तो इसी गुलिस्तां के
एक अंकुर है,
उड़ने दो इनको नील गगन में
मत रोको मत बहलाओ.

एक रोटी की चर्चा कर
रोटी पर इनको
मत समझाओ मत बहकाओ
इन नवजातो में भेद बही
इनको मत जाती-धर्म
की गडित समझाओ.

इन नन्हो हाथो को
हुनर और सुजीवन
का सन्देश भरो,
नफ़रत की न बात करो
प्रेम व ममता की बात करो
ये नव पुष्प है, इनको खिलने दो
खिलने से ही पहले
न इनपर आघात करो.

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