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ओबामा तुम कब तक बहलाओगे ?

BEBASI
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ओबामा तुम ही नहीं आज तक जितने भी अमेरिकी राष्ट्रपति हुए उन्होंने भी यही किया भारत को बहलाया और दूसरों को भारत के खिलाफ भड़काया. तुम अगर अस्टिन के साप होते तो भी अच्छा होता तुम वह भी नहीं बन सके इसकी भी तकलीफ है. कम से कम कमेन्ट करके दिल को तसल्ली दे लिया करते चलो अमेरिका आस्तीन का साप है. तुम तो साप पालते हो और साप की फिदरत भी अनभिज्ञ हो, दुनिया को डसाने, धमकाने और बादसाहत के लिए पाले गए साप भी आज भारत से ज्यादा तुम्हारे सैनिक को ही काट चुके है. तुम्हारे पाले हुए साप तुम्हारे ही चरों और चक्कर काट रहे है, किसी न किसी बहाने से वह तुम्हारे सैनिको को डस रहे है. तुम्हारी ही नीति का फल था निडर होकर तुम्हारे ही घर में तुम्हारे ही सर पर जूते उन्ही सापों ने मारा था. तुम उनको पाल रहे हो और भारत को आगे बढ़ते देख उसे इन्ही सापों के बीच उलझाना चाहते हो.

हमारे हुक्मरान भी आँख के अंधे ही है. उन्हें तुम्हारे मद में कुछ दीखता ही नहीं और हमेशा तुम्हारी ही पलिस किया करते है. अब फिर तुम भारत आ रहे हो हम अपनी इमानदारी से अपने ह्रदय से तुम्हारी मेहमाननवाजी करेंगे, किन्तु तुम हमको फिर से किसी नई उलझन में डालने का ही काम करोगे. तुम बहादुर भी बनते हो और बन्दूक दूसरे के कंधे पर रख कर चलते हो. हम सब जानते ही है किन्तु तुम हमारे मेहमान हो, जो हमारी संस्कृति है वह तो करेंगे ही, आप के साथ कन्धा मिलाकर साथ देंगे. जो कहेंगे वही करेंगे. आप है की बाज ही नहीं आते अपनी नाकामी से. तुमने ही पाक/तालिबान रुपी साप को खूब दूध पिला- पिला कर बढ़ा दिया अब स्थिति बदल चुकी है, उसे दूध पिलाने की मजबूरी भी तुम्हारी है. वह तुम्हारे सर पर जूते भी मर रहा है और तुम उसे फिर भी टाँगे फिर रहे हो.

भारत के साथ वास्तविक रणनीति की बात करते हुए भी तुम्हे जरा भ शर्म नहीं आ रही, फिर बहका रहे हो, हमें पजीदगी दिखा रहे हो, उलझन बता रहे हो, बात बड़ी- बड़ी करके केवल भरमा रहे हो. तुम रोज़ी- रोटी की बात करते हो, अपने देश में आउट सोर्सिंग बंद कर हमें हताश करने की कोशिश कर रहे हो कमजोर करने की कोशिश कर रहे हो, हमारी प्रगति से भी तुम उलझन में हो, हमारी तररकी हैरान को, तुम्हारी जब चल नहीं पा रही है तो अब नई नई कोशिश कर अपना बनाने के दिखावा कर रहे हो. हम है सब कुछ जानते हुए भी आँख मूंदकर तुम्हे ही सब कुछ मान रहे है, तुम हो की बहला रहे हो, आखिर कब तक बहलाओगे.

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