Menu
blogid : 1735 postid : 511

अब पढ़ने से आएगी इमानदारी?

BEBASI
BEBASI
  • 282 Posts
  • 397 Comments

देश के एक प्रदेश के मुख्य मंत्री ने कहा है की हमारे सभी कर्मचारी सभी कर्मचारी ईमानदारी का पाठ पढ़े. इसके लिए बाकायदा घोषणा भी की गयी है. एक जलसे के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की बड़ाई करते हुए कहा संघ ईमानदारी, राष्ट्र प्रेम और परिश्रम करना सिखाता है। इसलिए उसकी शाखाओं में जाने से परहेज क्यों। हमारी सरकार ने सरकारी अफसरों और कर्मचारियों के जाने पर रोक व प्रतिबन्ध हटा लिए है. जब इच्छाशक्ति का ही हराश हो गया है तो भला RSS क्या शिखायेगा देशभक्ति और ईमानदारी. फिर एक राजनीतिक पार्टी के सहयोगी संघटन से ऐसी उम्मीद करना ही बेईमानी है.

यह ठीक है कर्मचारियों को एक अच्छे पाठ की जरूरत है, लेकिन इसकी नहीं की सत्तासीन दल के सहयोगी संघठन RSS से शिक्षा ले. कोई भी सत्ताशीन दल केवल अपने को बार बार सत्ता में लेन के लिए न जाने कैसी कैसी ग्रनित उपाय करते है ठीक वैसा ही यह मध्य प्रदेश सरकार के फरमान है. मनोबल उन्नयन के लिए तमाम तरह की बिभागीय प्रशिक्षण दिए जाते है. काम करने और काम करने के कानून को तेज कीजिये. जनता को अधिकार दीजिये की वह सरकारी कर्मचारी से अपना काम समय पर करवाए. काम करवाने के एवज में पैसा बनाने वालो को रोकने के लिए कानून में संशोधन कीजिये. कोई किसी को काम के बदले दवाब बना कर अपनी अवैध कमाई न कर सके.

मध्य प्रदेश सरकार के तुगलकी फरमान ने देश को फिर से अँधेरे की और ले जाने का फरमान जारी कर दिया. हर सत्ताधीन पार्टी के पास सहायक संघटनो की एक भूमिका होती है. जैसे की
कांग्रेस के पास – सेवा दल
भाजपा के पास – RSS
बसपा के पास – BS4 या कैडर या एनी जो मुझे याद नहीं है.
और पार्टियाँ और उनके संघटन ……..

यही चलन चलने लगा तो फिर तो हो चूका सरकारी काम- धाम और चाकरी. यह तो वही बात हो गयी की पार्टी के लोग तो खा पी रहे है ही बल्कि संघटनो के लोग भी सरकारी विभागों का खुलकर लूट मचा सके. उत्तर प्रदेश में तो सत्ताधीन पार्टी इस खेल में काफी माहिर भी है. राज्य में नीली ड्रेस के कोड और नीली बसों के साथ नीले दिवायिदर और न जाने क्या क्या नीले ……….. है. मई पूरा का पूरा तो बता नहीं सकता लेकिन इतना कह सकता हूँ कर्मचारी फिर तो आफिस में मिलेगा ही नहीं वह तो संघटनो के आफिसों में ही दिखेगा.

इसलिए ऐ नेताओ, अपनी मर्जी से सरकार न चला कर जनता की आवश्यकता के अनुसार चलाओ. कुछ ऐसा ही करो जिससे भ्रष्टाचार ख़त्म हो सके, अपने अन्दर की आत्मा को टटोलो जिससे यह साबित हो सके जो तुम करने जा रहे हो उससे तो भ्रष्टाचार में बढ़ोत्तरी होगी. काम करने का कानून बनाओ काम न करने और भ्रष्टि को बजे पनाह देने के बर्खास्ती का रास्ता दो.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh