- 282 Posts
- 397 Comments
भारत के दुर्भाग्य को क्या कहना, अब तो लगने लगा है, पूरे देश में हर रज्य में यही भ्रष्टाचारी ही हावी है. बड़ी ही सफाई से ये छुटभैये नेता बड़े नेताओ को झुका देते है और बता देते है हम ही है जो कर रहे है वह सही है और वही होगा जो हम कहेगे. होता भी वही है. आज सरकारे खरीद- फरोख्त से ही बनायीं व बिगड़ी जा रही है. तो फिर भला उनका नाम और काम क्यों न होग जो भ्रष्टाचारी चाहेगे.
अभी हाल में कर्नाटक में भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाई गयी आवाजो में कर्नाटक के मुख्यमंत्री येद्दयुरप्पा को जाना पड़ा. लगभग हर राज्य में खनिज की लूट इन मुख्यमंत्रियों से लेकर मंत्री तक करते है. इन्ही आरोपो में फस गए येद्दयुरप्पा और उन्हें भाजपा ने चलता कर दिया. लेकिन भाजपा तो किसी और को मुख्यमंत्री बनाना चाहती थी पर येद्दयुरप्पा के सामने एक ना चली. उन्हें समझ आगया की भाजपा के कही दो फाड़ न हो जाये और साख चली जाये तो संतुष्ट व अशंतुष्ट साभी को मनाने की गरज से गुप्त मतदान करवा दिया. यही पर मत खा गए भाजपा के चहेते और येद्दयुरप्पा चिकमंगलूर के सांसद सदानंद गौड़ा को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनवाने में सफल हो ही गए। भाजपा विधायक दल की बुधवार को हुई बैठक में 58 वर्षीय गौड़ा को येद्दयुरप्पा का उत्तराधिकारी चुन लिया गया। इसमें गौड़ा को 63 वोट मिले। येद्दयुरप्पा विरोधी धड़े के जगदीश शेट्टार को 55 वोट मिले और वह आठ मतों से पीछे रह गए। इसके साथ ही सूबे में गत कई दिन से जारी सियासी गतिरोध थम गया। कर्नाटक में भाजपा के 120 विधायक हैं। इनमें 117 ने इस बैठक में हिस्सा लिया।
यहाँ भी अगर खरीद फरोख्त नही होती तो जरूर लोकतंत्र की विजय होती, यानि की येदुरप्पा ने अपने को बचाने के लिए जरूर कुछ ऐसा किया, जो की केंद्रीय भाजापा नेतृत्व की न चल येदुरप्पा की चली. बड़ी ही सीढ़ी सी बात कई किसी आदमखोर के मुह में ज़ब खून लग जाता है तो उसका उससे बचना मुश्किल हो जाता है. वही काम येदुरप्पा ने किया और अपने चहेते व मित्र सदानंद को मुख्यमंत्री बनवा दिया. अब भला कौन सी जाच उन्हें जेल पंहुचा सकती है.
यह पर भाजपा के दूसरे प्रतिद्वंदी मात खा गए. यही चाल है जो येदुरप्पा की चाल के सामने भाजपा की बड़ी इकाई मात ख ही गयी. वाह भाई येदुरप्पा मुबारक हो, अब किसी देवी देवता के पास जाने की आवश्यकता ही नहीं राह गई. पीछे तो सत्ता तुम्हे ही संभालना है.
Read Comments