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आज जो उत्तर प्रदेश की जनता का जनादेश वोटिंग मचीनो से निकला तो सभी बड़े से बड़े गदितग्य भौचक्के रह गए. जिन्हें कही पिछले शासन काल में सपा का जाना गुंडागर्दी माना जा रहा था. सभी लोगो को विश्वास था शायद कोई चमत्कार हो जाये तभी किसी पार्टी को बहुमत मिले. सबकी गडित केवल त्रिशंकु या साझेदारी वाली सरकार बनाने की ही बात सामने आ रही थी. लेकिन जनता ने स्पष्ट रूप से इस अनहोनी से प्रदेश को बच लिया और सन्देश दिया अब तुम जो भी इस प्रदेश को बना सकते हो बनाओ.
जब मुलायम सिंह चुनाव की मीटिंग कर रहे थे तो गुंडागर्दी के आरोपों को नकारते हुए साफ़ सन्देश दिया था. इस बार गुंडागर्दी नहीं होगी. शायद इसी का ही नतीजा था जो शिवपाल सिंह को पीछे रक्खा गया. ये जो गुंडागर्दी और अपहरण उद्योग का तगमा मुलायम सरकार में लगा था उसे छुटाने की पूरी कोशिश सपा द्वारा की गयी. विज्ञापन भी दिए गए और कोशिश का ही परिणाम निकला जो पूर्ण बहुमत से मुलायम सत्ता की ओर अग्रसर हुए.
विजय हासिल होना भी एक अपने आप में बहुत बड़ी बात होती है. इसे बरक़रार रक्खाना तो और बड़ी. विजय जुलूस की फायरिंग में समाचार के अनुसार संभल में एक नौ वर्षीय बच्चे की दर्दनाक मौत हो गयी. अब जरा सोचिये उन माँ- बाप पर क्या बीती होगी जिन्होंने सपा को ही वोट किया होगा. अब इस सम्बन्ध में भी मुलायम को कुछ न कुछ तो कहना ही होगा या फिर टालना होगा. कैर जो भी यह विजय की बानगी थी.
फिरोजाबाद में सपा के हरे प्र्त्याशियी के समर्थको ने सिपाहियों को ही पी कर अपनी भड़ास निकली. कई लोग इसमे भी जख्मी हो गए. झाँसी में तो सपा कार्यकर्ताओ के बीच इतनी उर्जा का संचार हुआ की कमसे कम पंद्रह बीस कैमरों की ऐसी तैसी कर डाली गयी और पत्रकारों को अपनी जान बचने के लिए एक ईमारत में शरण लेनी पड़ी. इन सब कोपो को देखते हुए फिर से भय पैदा हुआ प्रदेश में गुंडाराज का. अगर में भी सपा प्रत्याशियो की हार पर सरे आम आगजनी और असलहो का प्रदर्शन किया गया. और तमाम घटनाये हुई जिन्हें कुछ वफादार अधिकारिओ ने उन घटनाओ को कोरी अफवाह भी कहाँ सुरु कर दिया.
अब खबरे है तो आणि ही है. कुछ हुआ तो जानकारी अब जनता को तुरंत चानेल या मोबिलो के माध्यम से सीधे हो जाती है. अभी हाल में चुनाव से फुर्सत पाए और विजय के उत्साह में तल्लीन अखिलेश ने केवल इतना ही कहा घटनाओ को सुनाने को मिल रही है. इस तरह की घटनाओ को होने नहीं दिया जायेगा. और अधिकारी अपना काम करते हुए दोषी के खिलाफ कार्यवाही करेगे.
पाच वर्षो तक त्रासदी जेल चुके सपा के बहादुर कार्यकर्ताओ ने विपन्नता के साथ बसपा सरकार के मुकदमो को भी झेला है. आज जब मुलायम की सरकार पूर्ण बहुमत से बनाने को है तो भला उन कर्कर्ताओ का खून कैसे उबाल नहीं लेगा. सत्ता के पूर्व में भागिदार लोग जो मलाई खा चुके है उनसे कैसे उम्मीद की जा सकती है वे अब अपनी पार्टी की सरकार में शांत होकर रहे. अब भी सहे. ऐसा शम्भव नहीं है और मुलायम जी के लिए इन्हें रोक पाना बहुत ही मुस्किल होगा. आज फिर से समाज कुछ कौमे श्संकित हो रही है शायद वही पुराना मुलायम ढर्रा देखने को मिलेगा और पग- पग में अपमान सहना पड़ेगा.
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