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भारत सरकार और कांग्रेस इस समय एक दूसरे के पूरक है। यानी केंद्र जाये या भारत सरकार कहा जाए, एक ही बात है। इसी सरकार में देश के गृह मंत्री शुशील कुमार शिंदे है। एक बहुत बड़े और विशाल प्रजातान्त्रिक देश के अहम् मंत्री है। जिन्होंने भारतीय कांग्रेस के रविवार को संपन्न हुए चिंतन शिविर में भाजपा और संघ के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा “भाजपा और संघ के शिवरों में आतंकवाद का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। समझौता एक्सप्रेस, मक्का मस्जिद और मालेगांव धमाकों के पीछे संघ के हाथ होने के सबूत मिले है।” इस छोटे से वाक्य ने भारत की छवि में वो बट्टा लगाया जिसे शायद ही कोई बयां कर सके. यही बयान यदि किसी साधारण से नेता या व्यक्ति द्वारा दिए गए होते तो इतना महत्त्व नहीं होता. चूँकि ये एक भारत सरकार के गृह मंत्री का बयान है तो इसके निहितार्थ तो कुछ होगे ही, जिसे केवल भारतीय ही नहीं अंतराष्ट्रीय स्टार पर भी मूल्यांकन किया जायेगा और भारत की गरिमा को इससे क्या लाभ होगे या क्या हासिल होगा, ये आने वाला कल ही बताएगा.
अब सवाल यही उठता है क्या वाकई भाजपा और संघ ऐसा कुछ कर रहे है। जहाँ तक भारत की जनता ही नहीं बल्कि शासन और प्रशासन भी जानता है न तो भाजपा ऐसा कर रही है और न ही संघ। संघ का इतिहास भी बहुत पुराना है, कही भी ऐसी कोई घटना प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नहीं आई है जिससे देश या क्षेत्र में कोई ऐसा सन्देश जाता या आभास होता की ये पार्टी और संघठन देश में या विदेश में कुछ आतंकी गतिविधिया फैला रहे है। बल्कि समय-समय पर सामाजिक कार्यो को संपन्न कर भेदभाव रहित आपदा में देश की सरकार का जन मानस का सहयोग भी किया है। शायद ही किसी हिन्दू का नाम विदेशो में कभी भी किसी राष्ट्र की आतंकी गतिविधियों में उजागर किया गया हो।
आतंकी गतिविधि हो या अन्य तरीके का अपराध, अपराधी केवल अपराध को देना चाहता है न की वो अपराध से पहले धर्म या जाती देखना चाहता है। प्रायः ऐसा कह दिया जाता है छोटे या बड़े नेताओ द्वारा। जबकि ये अपराध का फार्मूला केवल क्षेत्रीय और स्थानीय स्टार पर लागू होता है। लेकिन जब आतंकी गतिविधियां होती है तो वो जाति, धर्म, या राष्ट्र या विशेष लक्ष्य के लिए ही की जाती है। इन आतंकी गतिविधियों में एक विशेष लक्ष्य को पूरा किया जाता है। ये निश्चित ही धर्म और जाती या विशेष लक्ष्य के खिलाफ होता है। कभी भी कोई गतिविधि या फिर कोई राजनैतिक साजिश के तहत की जाने वाली कार्यवाही को आतंकी गतिविधि की घोषणा कर देश और विदेश में किसी संघठन को आरोपित करना और बात है। देश की इतिहास को ही ले लिए जाए तो कही भी हिन्दू आतंकी का वर्णन नहीं मिलाता है। विदेशो में भी रह रही हिन्दू जातियां सामंजस्य करके ही जीवन यापन कर रही है। ऐसे में आखिर राजनीतिक आतंकी गतिविधि को समझ पाना केवल शिंदे के पास ही हो सकता है।
भारत के गृह मंत्री शिंदे के द्वारा भाजपा और संघ द्वारा आतंकियों का प्रशिक्षण देना कहना कितना आसन रहा, ये तो शिंदे ही जान सकते है या फिर कांग्रेस जान सकती है। गृह मंत्री की अपनी एक गरिमा होती है, जिम्मेदारी होती है। इन आतंकी गतिविधियों के रोक-थाम की भी जिम्मेदारी भी उसी विभाग की है। ऐसी स्थित में ये कहना कितना आश्चर्य जनक और शर्मनाक है, जिसे लिख पाना भी सहज नहीं है। आखिर सीबीआई से लेकर रॉ जैसी गुप्तचर संस्थाओं के द्वारा दुनिया में सिक्का जमाने की कोशिश करने वाले भारत की अपने ही देश में कोई नियंत्रण नहीं रहा। कोई गतिविधि की यदि जानकारी आई भी थी तो उस पर कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? संघ और भाजपा को क्यों नहीं रोका गया? कौन सी मजबूरी थी जिससे शिंदे ने विवश हो कर कोई कार्यवाही की अनुमति नहीं दी? क्या भारत सरकार इनको रोकने में सक्षम नहीं है? इतने बड़े लोकतंत्र के गृह मंत्री की ऐसी कौन सी मजबूरी थी जो इन दोनों संघठनो पर कोई कार्यवाही ना कर बयानबाजी पर उतर आये? इससे कैसे रुकेगी देश की आतंकी गतिविधियाँ? इन सभी बातों से, सवालो से तो यही महसूस होता है ये एक कमजोर और लाचार सरकार के बेकार मंत्री का निचले स्तर का आरोप है।
अब सवाल उठता है इतने निचले स्तर पर उतर कर शिंदे किसे खुश करना चाहते थे और विश्व समुदाय को क्या सन्देश देना चाहते थे? यही की इस देश में भी आतंकी रहते है, सावधान! रहो हिन्दुस्तानियों के हिन्दुओ से भी। राष्ट्रिय स्तर पर तो सभी जानते है ये तुष्टिकरण के लिए ऐसा कहा जा सकता है, या फिर सोनिया की नजर में अपने दर्जे को बढाने के लिए कहा जा सकता है। या फिर कांग्रेस के नए खेवनहार राहुल को खुश करने के लिए हिन्दुओ को आतंकी कहा गया। जो भी हो अब इस बात की भी होनी ही चाहिए इससे विदेशो में क्या फर्क पड़ेगा। अमेरिका सहित सभी विकसित देश जानते है किस देश में कौन आतंकी है, कौन नहीं। अमेरिका तो सीबीआई की गतिविधि भी जनता है कि इस संस्था का उपयोग केवल राजनीतिक ही है। चाहे जिसे चाहे अपराधी घोषित कर दे, चाहे जिसे बरी कर दे। अब तो देश के लोग भी जान गए है सीबीआई की कार्यवाही और नतीजे। पिछले जिन घटनाओं का नाम गृह मंत्री शिंदे द्वारा लिया गया वो शायद इसी साजिस के ही अपराधी है, ना की आतंकी। चलो कांग्रेस और शिंदे के कारण विश्व समुदाय को अब हिन्दुओ में भी आतंकी ढूढने होगे। शिंदे के इस बयानबाजी से हिन्दुओं की गरिमा को ठेस पहुची है और उनको भी शक की निगाहों से देखा जायेगा ही। भारत में ही नहीं विदेशो में लगातार आतंकी गतिविधियों के लिए मशहूर रहा पाकिस्तान भी आज अपने को साफ़ सुथरा बताने और भारत को आतंकी देश और हिन्दुओ को आतंकवादी घोषित करने की मांग करने लगेगा।
देश में कुछ हो या ना हो ये कांग्रेसी टाईप के नेता जरुर ऐसा कुछ करते रहते है जिससे जनमानस बात जाए, धर्मो में, जातियों में, और उनके वोट से हम सत्ता में पुनः आ जाये। लेकिन ऐसे थोड़े से लोभ के लिए पूरे देश और समाज को दाव पर नहीं लगा देना चाहिए। शिंदे ही नहीं कांग्रेस सहित सभी माफ़ी मांग देश को आतंकी देश घोषित होने से बचाना चाहिए।
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